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ब्राउजर पहल " मुझे मत देखो "

browsersजब आप और हम इंटरनेट पर ब्राउजिंग करते हैं तो हमारी ब्राउजिंग गुप्त नहीं होती. ना - ना प्रकार की साइटों पर जाते समय हम क्या पढ रहे हैं और क्या देख रहे हैं इसकी जानकारी विज्ञापन प्रदाता कम्पनियों और एड नेटवर्कों को प्राप्त होने लगती है और फिर हमें उसी से सम्बंधित विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं.

जब आप जीमेल या अन्य किसी गूगल सेवा में लोगिन होते हैं तो उसके बाद आपकी हर गतिविधि दर्ज होती रहती है. मान लीजिए आपने कुछ टिकट बुकिंग साइटों का दौरा किया तो आपको फिर अन्य साइटों की सैर करते समय हवाई यात्राओं के विज्ञापन दिखने लग जाएँ, ऐसा हो सकता है.

फायरफोक्स नामक लोकप्रिय वेब ब्राउजर बनाने वाली कम्पनी मोज़िला इसे रोकने के लिए प्रयासरत है. मोज़िला का इरादा एक ऐसा सिस्टम बनाना है जिसके तहत यदि प्रयोक्ता चाहें तो यह तय कर सकते हैं कि कोई उनकी गतिविधि पर नजर ना रखे, यानी कि उसकी ट्रेकिंग ना हो. परंतु इसके लिए फायरफोक्स को एड नेटवर्कों और विज्ञापन प्रदाता कम्पनियों को मनाना होगा कि वे उसके इस कार्यक्रम के साझीदार बने.

मोज़िला ने इसके लिए कई कम्पनियों से बात की है. यह ऐसा सिस्टम होगा जिसमें यदि प्रयोक्ता ने अपनी ट्रेकिंग बंद कर दी है तो ऐसी कम्पनियाँ उस प्रयोक्ता की निजता का सम्मान करते हुए उसकी ट्रेकिंग नहीं करेगी.

दूसरी तरफ माइक्रोसोफ्ट ने भी घोषणा की है उसके इंटरनेट एक्स्प्लोरर 9 में यह सुविधा होगी कि प्रयोक्ता चाहें तो अपनी ट्रेकिंग बंद करवा सकें. परंतु इसके लिए प्रयोक्ता को उन सारी साइटों की सूचि बनानी होगी जिनके द्वारा की जाने वाली ट्रेकिंग वे बंद कराना चाहते हों.

गूगल के क्रोम ब्राउजर में भी यह सुविधा है. परंतु उसके लिए प्रयोक्ताओं को अलग से अप्लिकेशन डाउनलोड करनी होती है.

यानी कि एक तरह से देखा जाए तो किसी भी ब्राउजर में ट्रेकिंग ना करवाने की सुविधा स्वत: उपलब्ध नहीं है और प्रयोक्ता को यदि अपनी ट्रेकिंग रूकवानी भी हो तो भी वह इतना सरल नहीं होता है. बहरहाल ओबामा सरकार इस बाबत एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है ऐसी खबर है.

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