आपकी मोबाइल सिम आपकी मुसीबत
जगदलपुर.
मेरे ख्याल से आपके द्वारा भी किसी एक कंपनी का मोबाइल चलाया जा रहा होगा.
और सिम खरीदने हेतु आपने फोर्मेलिटी भी जमा की होगी. परन्तु, आपको सावधान
रहने की जरुरत है, आपके डिसट्रीब्युटर द्वारा आपके दिए हुए फोर्मेलिटी को
कहीं और प्रयोग किया जा सकता है. हमारे कहने का मतलब है की अगर आपके द्वारा
दिए गए फोर्मेलिटी के माध्यम से आपके डिसट्रीब्युटर ने किसी आपराधिक
मानसिकता वाले व्यक्ति को सिम दे दिया तो आपकी छुट्टी हो सकती है. क्यूंकि
भविष्य में अगर कोई आपराधिक घटना घटती है, तो कानून आपके गिरेबान तक अवश्य
पहुँच जाएगी.
जैसा की हम सभी जानते हैं की डिसट्रीब्युटरों को प्रतिमाह सिम बिक्री करने हेतु लक्ष्य दिया जाता है, की उन्हें प्रतिमाह इतने सिम बेचने ही होंगे, और इसी प्रतिस्पर्धा में डिसट्रीब्युटर किसी की भी फोर्मेलिटी उठा कर सिम को बेच देते हैं, और इसका खामियाजा दूसरों को भुगतना पड़ रहा है. कई शहरों में तो स्टाल लगाकर भी आजकल सिम बेचा जा रहा है, और वो भी बगैर किसी फोर्मेलिटी के ! परन्तु जब बाद में कंपनी द्वारा डिसट्रीब्युटरों से फोर्मेलिटी की मांग की जाती है तो वे किसी की भी फोर्मेलिटी उठा कर दे देते हैं.
देखा गया है की नए-नए मोबाइल व सिम का प्रयोग अधिकतर युवा वर्ग कर रहे हैं, और साथ ही साथ मुसीबतों को भी न्योता दे रहे हैं. दरअसल, आजकल के 70% युवा फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग अपने गर्लफ्रेंड को फ़ोन करने के लिए या किसी अनजान लड़की को फ़ोन करने के लिए करते हैं, इसका फायदा उनके मुताबिक यह होता है की किसी मुसीबत की घडी में वे पकडे नहीं जाते. ऐसे युवाओं को हम बता दें की आज के बाद इस तकनीक का उपयोग ना ही करें तो ज्यादा अच्छा है, क्यूंकि कहीं ऐसा ना हो की एक मुसीबत से बचने के चक्कर में कोई बड़ी आपराधिक आपदा आपके मत्थे ना चढ़ जाए.
इनसे बचने का एक ही तरीका है और वह यह है की आप अपने डिसट्रीब्युटर को फोर्मेलिटी ना देकर सीधे कंपनी के कार्यालय में दें, और बार-बार अपने सिम नंबर को नहीं बदलें.
जैसा की हम सभी जानते हैं की डिसट्रीब्युटरों को प्रतिमाह सिम बिक्री करने हेतु लक्ष्य दिया जाता है, की उन्हें प्रतिमाह इतने सिम बेचने ही होंगे, और इसी प्रतिस्पर्धा में डिसट्रीब्युटर किसी की भी फोर्मेलिटी उठा कर सिम को बेच देते हैं, और इसका खामियाजा दूसरों को भुगतना पड़ रहा है. कई शहरों में तो स्टाल लगाकर भी आजकल सिम बेचा जा रहा है, और वो भी बगैर किसी फोर्मेलिटी के ! परन्तु जब बाद में कंपनी द्वारा डिसट्रीब्युटरों से फोर्मेलिटी की मांग की जाती है तो वे किसी की भी फोर्मेलिटी उठा कर दे देते हैं.
इधर
बड़ी-बड़ी कंपनियों का कहना है की एक “पहचान दस्तावेज़” (आईडेनटीटी प्रूफ)
को 7 बार सिम लेने हेतु प्रयोग किया जा सकता है. बस, इसी तथ्य का फ़ायदा
डिसट्रीब्युटरों द्वारा उठाया जा रहा है, ग्राहकों से एक बार “पहचान
दस्तावेज़” की फोटोप्रति ले कर डिसट्रीब्युटर इसका प्रयोग किसी को भी सिम
देने के लिए कर रहे हैं.देखा गया है की नए-नए मोबाइल व सिम का प्रयोग अधिकतर युवा वर्ग कर रहे हैं, और साथ ही साथ मुसीबतों को भी न्योता दे रहे हैं. दरअसल, आजकल के 70% युवा फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग अपने गर्लफ्रेंड को फ़ोन करने के लिए या किसी अनजान लड़की को फ़ोन करने के लिए करते हैं, इसका फायदा उनके मुताबिक यह होता है की किसी मुसीबत की घडी में वे पकडे नहीं जाते. ऐसे युवाओं को हम बता दें की आज के बाद इस तकनीक का उपयोग ना ही करें तो ज्यादा अच्छा है, क्यूंकि कहीं ऐसा ना हो की एक मुसीबत से बचने के चक्कर में कोई बड़ी आपराधिक आपदा आपके मत्थे ना चढ़ जाए.
इनसे बचने का एक ही तरीका है और वह यह है की आप अपने डिसट्रीब्युटर को फोर्मेलिटी ना देकर सीधे कंपनी के कार्यालय में दें, और बार-बार अपने सिम नंबर को नहीं बदलें.
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