सिम कार्ड रीडर आज की जरुरत
मोबाइल फोन में सिम लगाना-निकालना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन सिम कार्ड रीडर में यह काम भी बहुत आसान होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल कंप्यूटर की हल्की-फुल्की जानकारी रखने वाला व्यक्ति भी बहुत आसानी से कर सकता है। इसका इस्तेमाल भी बहुत सरल होता है।
सिम कार्ड रीडर के साथ मिली सीडी को कंप्यूटर के ड्राइव में लगाकर इसके सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर में इंस्टाल करके सॉफ्टवेयर के हिसाब से जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर को री-स्टार्ट करना होता है। फिर सिम कार्ड रीडर को कंप्यूटर से जोड़कर उसमें सिम डाल दें।
यहाँ तक कि आप इसकी मदद से अपने सिम कार्ड के 'पिन' नंबर में भी बदलाव कर सकते हैं। अलग-अलग रंग-रूप और आकार-प्रकार में 200-300 रुपए में मिलने वाले इस डिवाइस के साथ एक सॉफ्टवेयर सीडी भी मिलती है। जिसे कंप्यूटर में 'इंस्टाल' करने के बाद तो यह हमेशा 'प्लग एंड प्ले' की तरह काम करता है।
यानी आपको सिर्फ इसकी एक लीड कंप्यूटर में लगानी पड़ती है। इसके बाद तो कंप्यूटर इसमें लगी सिम में दर्ज सूचनाओं-आँकड़ों को खोलकर आपके सामने रख देता है। कुछ ही क्षणों में कंप्यूटर पर सिम कार्ड का आइकन दिखने लगेगा। एक क्लिक करते ही सिम कार्ड का सारा डाटा कंप्यूटर के मॉनीटर पर दिखने लगेगा।
अब इसे मनचाहे ढंग से संशोधित कर लें। कंप्यूटर से जुड़ने के बाद सिम कार्ड ठीक पेन ड्राइव या दूसरे स्टोरेज डिवाइस की तरह इसका ड्राइव, फोल्डर और फाइल आदि दिखाने लगता है जिसमें फोन में दिखने वाले 'लास्ट नंबर डायल्ड', 'एसएमएस टेक्स्ट मैसेजेस', 'फिक्स्ड डायल्ड नंबर्स' आदि जैसे फोल्डर भी रहते हैं।
अब इनमें आप अपनी जरूरत और उपलब्धता के हिसाब से मनचाहे ढंग से बदलाव कर सकते हैं। कोई मैसेज या नंबर डिलीट करना, उसमें संशोधन करना या कोई नया परिवर्तन वगैरह कुछ भी किया जा सकता है। इसके अलावा इसका एक बड़ा फायदा यह भी रहता है कि 'एमएस आउटलुक' या 'एक्सल' में दर्ज आँकड़ों को भी सिम में डाला जा सकता हैं।
यानी अगर आपके पास पहले से दर्ज आँकड़े हैं तो उन्हें दोबारा से कंपोज करने का झंझट नहीं उठाना पड़ेगा। इसकी मदद से आप समय-समय अपनी सिम के डेटा का बैक-अप ले सकते हैं। इससे फोन गुम होने या सिम कार्ड के खराब होने पर डेटा लॉस होने का भी डर नहीं रहता।
आजकल कई सिम कार्ड रीडर के साथ तो ऐसे-ऐसे सॉफ्टवेयर भी आने लगे हैं जो डिलीट हो चुके मैसेज या नंबर को भी री-स्टोर करने की क्षमता रखते हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे सॉफ्टवेयर भी बहुत काम आते हैं।
अगर आप सिम कार्ड रीडर खरीदना चाहते है तो हमारे मित्र से संपर्क करे!
सिम कार्ड रीडर के साथ मिली सीडी को कंप्यूटर के ड्राइव में लगाकर इसके सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर में इंस्टाल करके सॉफ्टवेयर के हिसाब से जरूरत पड़ने पर कंप्यूटर को री-स्टार्ट करना होता है। फिर सिम कार्ड रीडर को कंप्यूटर से जोड़कर उसमें सिम डाल दें।
यहाँ तक कि आप इसकी मदद से अपने सिम कार्ड के 'पिन' नंबर में भी बदलाव कर सकते हैं। अलग-अलग रंग-रूप और आकार-प्रकार में 200-300 रुपए में मिलने वाले इस डिवाइस के साथ एक सॉफ्टवेयर सीडी भी मिलती है। जिसे कंप्यूटर में 'इंस्टाल' करने के बाद तो यह हमेशा 'प्लग एंड प्ले' की तरह काम करता है।
यानी आपको सिर्फ इसकी एक लीड कंप्यूटर में लगानी पड़ती है। इसके बाद तो कंप्यूटर इसमें लगी सिम में दर्ज सूचनाओं-आँकड़ों को खोलकर आपके सामने रख देता है। कुछ ही क्षणों में कंप्यूटर पर सिम कार्ड का आइकन दिखने लगेगा। एक क्लिक करते ही सिम कार्ड का सारा डाटा कंप्यूटर के मॉनीटर पर दिखने लगेगा।
अब इसे मनचाहे ढंग से संशोधित कर लें। कंप्यूटर से जुड़ने के बाद सिम कार्ड ठीक पेन ड्राइव या दूसरे स्टोरेज डिवाइस की तरह इसका ड्राइव, फोल्डर और फाइल आदि दिखाने लगता है जिसमें फोन में दिखने वाले 'लास्ट नंबर डायल्ड', 'एसएमएस टेक्स्ट मैसेजेस', 'फिक्स्ड डायल्ड नंबर्स' आदि जैसे फोल्डर भी रहते हैं।
अब इनमें आप अपनी जरूरत और उपलब्धता के हिसाब से मनचाहे ढंग से बदलाव कर सकते हैं। कोई मैसेज या नंबर डिलीट करना, उसमें संशोधन करना या कोई नया परिवर्तन वगैरह कुछ भी किया जा सकता है। इसके अलावा इसका एक बड़ा फायदा यह भी रहता है कि 'एमएस आउटलुक' या 'एक्सल' में दर्ज आँकड़ों को भी सिम में डाला जा सकता हैं।
यानी अगर आपके पास पहले से दर्ज आँकड़े हैं तो उन्हें दोबारा से कंपोज करने का झंझट नहीं उठाना पड़ेगा। इसकी मदद से आप समय-समय अपनी सिम के डेटा का बैक-अप ले सकते हैं। इससे फोन गुम होने या सिम कार्ड के खराब होने पर डेटा लॉस होने का भी डर नहीं रहता।
आजकल कई सिम कार्ड रीडर के साथ तो ऐसे-ऐसे सॉफ्टवेयर भी आने लगे हैं जो डिलीट हो चुके मैसेज या नंबर को भी री-स्टोर करने की क्षमता रखते हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे सॉफ्टवेयर भी बहुत काम आते हैं।
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