फेसबुक आपका मोबाइल नं. फैला रहा है !
जो प्रयोक्ता किसी विशेष थर्ड पार्टी अप्लिकेशन को इंस्टाल करते हैं, उन प्रयोक्ताओं की गोपनीय जानकारियों जैसे कि मोबाइल नम्बर तक उन अप्लिकेशन डेवलपरों की पहुँच हो जाती है. फेसबुक के अनुसार प्रयोक्ताओं के पास यह अधिकार है कि वे अप्लिकेशन को इंस्टाल करते समय यह तय कर सकें कि उन्हें अपने पते और मोबाइल फोन नम्बर की जानकारी देनी है या नहीं.
परंतु आम तौर पर होता यह है कि प्रयोक्ता अप्लिकेशन इंस्टाल करते समय प्रदर्शित दिशा निर्देशों को ठीक से पढते नहीं और हकारात्मक अनुमति देते रहते हैं और इससे उनकी गोपनीयता खतरे में पड जाती है.
हालाँकि फेसबुक का कहना है कि डेवलपरों की पहुँच मात्र अप्लिकेशनों को इंस्टाल करने वाले प्रयोक्ताओं के पते और मोबाइल नम्बर तक ही उपलब्ध कराई गई है. प्रयोक्ताओं के मित्रों की गोपनीय जानकारियों तक यह पहुँच सम्भव नहीं है.
परन्तु कई साइबर अपराध विशेषज्ञ फेसबुक के इस कदम का कडा विरोध कर रहे हैं. उनके अनुसार फेसबुक ने अपने 50 करोड से अधिक प्रयोक्ताओं की सुरक्षा को खतरे में डाला है. अब कई स्पाम अपराधी जाली अप्लिकेशनों का सहारा लेकर प्रयोक्ताओं के मोबाइल फोन नम्बरों तक अपनी पहुँच बनाएंगे और उसके बाद क्या होगा उसकी कल्पना करना आसान है.
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