एथिकल हैकिंग २
जैसे-जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट पर हमारी निर्भरत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे हम साइबर अपराध के गिरफ्त में आते जा रहे हैं. हाल के कुछ वर्षो में इंटरनेट के जरिए कंप्यूटर से महत्वपूर्ण व गोपनीय दस्तावेज लीक होने और इ-मेल हैकिंग की घटनाएं दुनियाभर में तेजी से बढ़ी हैं. इससे व्यक्ति विशेष ही नहीं, संस्थान और देश की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गयी है. इस मामले में भारत को सबसे ज्यादा खतरा चीन से है, जहां के हैकरों ने भारत के खिलाफ एक साइबर जंग शुरू कर रखी है.
चीन में स्थित हैकरों के समूह भारतीय कंप्यूटरों और वेबसाइटों को समय-समय पर निशाना बनाते रहे हैं. चीनी हैकर भारत के नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर और विदेश मंत्रलय को भी निशाना बना चुके हैं. ऐसे में हैकिंग के विशेषज्ञ सरकार और सरकारी एजेंसियों को मदद पहुंचाते हैं. मोटे तौर पर कहें तो ऐसी अनिधकृत हैकिंग को रोकने का जिम्मा एथिकल हैकर का होता है और इस पूरी प्रक्रि या को ‘एथिकल हैकिंग’ का नाम दिया गया है.
अब तक जहां हैकिंग को केवल नकारात्मक रूप में जाना जाता था, एथिकल हैंकिंग उसका दूसरा पहलू है. एथिकल हैकिंग का प्रयोग सबसे पहले 1980 के दशक में देखने को मिला था. 1990 तक आते-आते इसका विस्तार हुआ और आज कई संस्थान साइबर अपराध से निपटने के लिए बकायदा एथिकल हैकरों की कुशल टीम तैयार कर रहे हैं.
एक एथिकल हैकर को कंप्यूटर के साथ नेटवर्किग की गहन समझ होती है. एक अपराधी की तरह वह भांप सकता है. तमाम साइबर क्राइम से निबटने व संस्थाओं के आइटी सिस्टम्स को सुरक्षा देने में एथिकल हैकरों की अहम भूमिका होती है.
और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब
* साइबर वल्र्ड की पुलिसिया टीम जो कारवाई करती है, उसे एथिकल हैकिंग कहते हैं.
रंजीत मंडल, जसीडीह
* एथिकल हैकिंग के जरिए कंप्यूटर व इंटरनेट से छेड़छाड़ करनेवाले मुजरिमों को सबक सिखाया जाता है.
श्रीराम, झरिया
*किसी दूसरे के इ-मेल को बिंदास देखने का लाइसेंस है एथिकल हैकिंग.
विकास ओझा, गया
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों होता है?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक ऐसा कवर है, जो फस्र्ट पार्टी यानी इंश्योर्ड शख्स के द्वारा थर्ड पार्टी को हुए नुकसान के लिए होता है. इसे समझने के लिए पहले फस्र्ट, सेकेंड और थर्ड पार्टी को जानना जरूरी है. फस्र्ट पार्टी वह शख्स होता है, जो अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस करा रहा है. सेकेंड पार्टी इंश्योरेंस वह कंपनी होती है, जिससे यह कवर लिया गया है.
थर्ड पार्टी कोई तीसरा शख्स होता है, जिसे फस्र्ट पार्टी की वजह से नुकसान पहुंचा है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में इस तीसरे शख्स को होनेवाले नुकसान की भरपाई की जाती है यानी अगर आपकी गाड़ी से सड़क पर चल रही दूसरी गाड़ी या किसी शख्स को नुकसान होता है तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर के तहत उस शख्स को हुए नुकसान की भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी करेगी. इसके लिए सालाना प्रीमियम की रकम निर्धारित होती है, जो कार या टू-व्हीलर की क्षमता पर निर्भर करती है.
इस बारे में नियम यह है कि बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराये कोई भी गाड़ी सड़क पर नहीं आ सकती. इसे कराना अनिवार्य होता है. अपनी गाड़ी को होनेवाले नुकसान के लिए (ओन डैमेज इंश्योरेंस) भी आप इंश्योरेंस करा सकते हैं और नहीं भी, लेकिन थर्ड पार्टी कराना इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है. सड़क पर दौड़ती तमाम पुरानी गाड़ियों का आमतौर पर सिर्फथर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर ही होता है.
और ये रहे इसी सवाल पर आपके मजेदार जवाब
*अगर दो व्यक्ति मिलकर किसी तीसरे का बीमा कराते हैं, तो उसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कहते हैं.
निकिता धर, गोमो
*सड़क पर दो गाड़ियों के टक्कर के बीच अगर कोई तीसरा गाड़ी पीस जाये, तो इसका हर्जाना लेने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी होता है.
मनतोष दास, हजारीबाग
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