कम्प्यूटर में जानकारी कहा सहेजे
आप पढ़ चुके हैं कि रैम (RAM) एक कार्यकारी मैमोरी है यानि यह तभी काम करती है जब आप कम्प्यूटर पर काम कर रहे होते हैं. कम्प्यूटर के बन्द करने पर रैम में संग्रहित सभी सूचनाऐं नष्ट हो जाती हैं.लेकिन आप चाहेंगे कि आप कम्प्यूटर पर जो काम करें वह बाद में आपको मिल सके.इसके तरह के कामों के लिये और प्रोसेस्ड जानकारी को सहेज कर रखने के लिये स्टोरेज डिवाइस का उपयोग किया जाता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसी सूचना का पुन: उपयोग किया जा सके या वह जानकारी एक जगह से दूसरी जगह पहुंचायी जा सके.कम्प्यूटर द्वारा स्थायी तौर पर बहुत अधिक मात्रा मे आंकडों को संचित करने के लिये कई तरह की स्टोरेज डिवाइस का उपयोग होता है.जैसे हार्ड डिस्क,फ्लॉपी डिस्क, सीडी,डीवीडी,पैन ड्राइव आदि.
हार्ड डिस्क़ ड्राइव : यह कम्प्यूटर से जुड़ी स्टोरेज डिवाइस (संचय युक्ति) है. यह इलेक्ट्रो-मैगनैटिक सिद्धांत पर काम करती है. इसका उपयोग किसी भी जानकारी,फोटो,संगीत या फिल्म को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिये होता है. आप किसी हार्ड-डिस्क में कितनी जानकारी सहेज सकते हैं इसका पता हार्ड-डिस्क की क्षमता (Capacity) पर निर्भर करता है. आजकल सामान्यत: हार्ड डिस्क की क्षमता को जी.बी. (गीगा-बाइट) में मापा जाता है.हमारे काम में आने वाले हार्ड-डिस्क 20 जीबी से 200 जीबी तक की होती हैं.
सीडी/डीवीडी : यह ऑप्टीकल सिद्धांत पर काम करती हैं.जहाँ सामान्यत: हार्ड डिस्क कम्प्यूटर से जुड़ी रहती है वहीं सीडी/डीवीडी को आप निकालकर एक जगह से दूसरे जगह तक ले जा सकते हैं.कम्प्यूटर में सीडी/डीवीडी में रखी जानकारी को पढ़ने के लिये सीडी/डीवीडी ड्राइव का होना आवश्यक है. किसी फिल्म या संगीत की सीडी/डीवीडी को आप अपने सीडी/डीवीडी प्लेयर में भी पढ़ सकते हैं बशर्ते सीडी/डीवीडी में रखी फिल्म या संगीत का फॉर्मेट आपके सीडी/डीवीडी प्लेयर के अनुकूल हो.यदि आप सीडी/डीवीडी में कोई जानकारी सहेजना चाहते हैं तो आपके कम्प्यूटर में सीडी/डीवीडी राइटर होना जरूरी है.
यू.पी.एस. : कम्प्यूटर को काम करने के लिये बिजली की आवश्यकता होती है. लेकिन आमतौर पर हमारे घरों में जो बिजली आती है उसमें बहुत से उतार चढाव (फ्ल्क्चुएशन) होते हैं जो कम्प्यूटर को खराब कर सकते हैं. साथ ही यदि आप कम्प्यूटर में काम कर रही हैं और बिजली चले जाये और कम्प्यूटर बन्द हो जाये तो आपके द्वारा किया गया काम नष्ट हो सकता है और इस तरह कम्प्यूटर के खराब होने का खतरा भी बना रहता है. इसी से बचने के लिये एक डिवाइस आती है जिसे यू.पी.एस. कहते हैं. यू.पी.एस. यानि अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई. इसमें एक बैटरी होती है जो बिजली से चार्ज होती रहती है और बिजली के जाने के बाद कम्प्यूटर को थोड़े देर चलाये रहती है ताकि आप अपना काम सहेज कर कम्प्यूटर को नॉर्मल शट डाउन कर सकें.
हार्ड डिस्क़ ड्राइव : यह कम्प्यूटर से जुड़ी स्टोरेज डिवाइस (संचय युक्ति) है. यह इलेक्ट्रो-मैगनैटिक सिद्धांत पर काम करती है. इसका उपयोग किसी भी जानकारी,फोटो,संगीत या फिल्म को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिये होता है. आप किसी हार्ड-डिस्क में कितनी जानकारी सहेज सकते हैं इसका पता हार्ड-डिस्क की क्षमता (Capacity) पर निर्भर करता है. आजकल सामान्यत: हार्ड डिस्क की क्षमता को जी.बी. (गीगा-बाइट) में मापा जाता है.हमारे काम में आने वाले हार्ड-डिस्क 20 जीबी से 200 जीबी तक की होती हैं.
सीडी/डीवीडी : यह ऑप्टीकल सिद्धांत पर काम करती हैं.जहाँ सामान्यत: हार्ड डिस्क कम्प्यूटर से जुड़ी रहती है वहीं सीडी/डीवीडी को आप निकालकर एक जगह से दूसरे जगह तक ले जा सकते हैं.कम्प्यूटर में सीडी/डीवीडी में रखी जानकारी को पढ़ने के लिये सीडी/डीवीडी ड्राइव का होना आवश्यक है. किसी फिल्म या संगीत की सीडी/डीवीडी को आप अपने सीडी/डीवीडी प्लेयर में भी पढ़ सकते हैं बशर्ते सीडी/डीवीडी में रखी फिल्म या संगीत का फॉर्मेट आपके सीडी/डीवीडी प्लेयर के अनुकूल हो.यदि आप सीडी/डीवीडी में कोई जानकारी सहेजना चाहते हैं तो आपके कम्प्यूटर में सीडी/डीवीडी राइटर होना जरूरी है.
यू.पी.एस. : कम्प्यूटर को काम करने के लिये बिजली की आवश्यकता होती है. लेकिन आमतौर पर हमारे घरों में जो बिजली आती है उसमें बहुत से उतार चढाव (फ्ल्क्चुएशन) होते हैं जो कम्प्यूटर को खराब कर सकते हैं. साथ ही यदि आप कम्प्यूटर में काम कर रही हैं और बिजली चले जाये और कम्प्यूटर बन्द हो जाये तो आपके द्वारा किया गया काम नष्ट हो सकता है और इस तरह कम्प्यूटर के खराब होने का खतरा भी बना रहता है. इसी से बचने के लिये एक डिवाइस आती है जिसे यू.पी.एस. कहते हैं. यू.पी.एस. यानि अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई. इसमें एक बैटरी होती है जो बिजली से चार्ज होती रहती है और बिजली के जाने के बाद कम्प्यूटर को थोड़े देर चलाये रहती है ताकि आप अपना काम सहेज कर कम्प्यूटर को नॉर्मल शट डाउन कर सकें.
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