क्लाउड की दुनिया में
आजकल
कम्प्यूटर की दुनिया में क्लाउड कम्प्यूटिंग का काफी शोर है। विभिन्न
कम्पनियाँ अपने उत्पादों को क्लाउड आधारित बनाने में लगी हैं। सभी
कम्प्यूटिंग डिवाइस निर्माता अपने हार्डवेयर को क्लाउड कम्प्यूटिंग रेडी
बनाने में जुटे हैं। आखिर ये क्लाउड कम्प्यूटिंग है क्या और इसके क्या
फायदे हैं? आइये जानते हैं इस लेख में।
क्या है क्लाउड कम्प्यूटिंग
क्लाउड
कम्प्यूटिंग, कम्प्यूटिंग की एक नयी विधा है जिसका केन्द्र क्लाउड होता
है। इसका यह नाम इसकी बादलों जैसी जटिल संरचना वाले सिस्टम डायग्राम के
कारण पड़ा। क्लाउड शब्द का प्रयोग इंटरनेट के लिये रूपक के रूप में किया
जाता है क्योंकि पुराने समय में कम्प्यूटर नेटवर्क डायग्राम में इंटरनेट को
बादलों के रूप में चित्रांकित किया जाता था। इसमें कम्प्यूटिंग एवं
स्टोरेज क्षमता को सेवा के रूप में प्रयोक्ताओं तक वितरित किया जाता है।
प्रयोक्ता का डाटा, सैटिंग, वरीयतायें आदि सभी सर्वर पर भण्डारित रहते हैं
जिसे क्लाउड कहा जाता है। डाटा स्टोर करने के अतिरिक्त ये सेवायें वेब
ऍप्लिकेशन भी प्रदान करती हैं जिससे प्रयोक्ता सामान्य कम्प्यूटिंग
प्रोग्राम जैसे ऑफिस सुइट, ग्राफिक्स आदि प्रयोग कर सकता है तथा उनमें
बनायी गयी फाइलें भी क्लाउड पर ही रहती हैं। प्रयोक्ता क्लाउड आधारित
ऍप्लिकेशनों को वेब ब्राउजर अथवा डैस्कटॉप या मोबाइल ऍप्लिकेशन के जरिये
प्रयोग करते हैं। यहाँ तक कि क्लाउड आधारित पूरे का पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम
जैसे गूगल क्रोम, जॉलीक्लाउड ओऍस तक बनाये जा चुके हैं। दूसरे शब्दों में
कहें तो यह एक वेब केन्द्रित कम्प्यूटिंग विधा है। अमेजन तथा गूगल की
क्लाउड कम्प्यूटिंग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
क्लाउड स्टोरेज
क्लाउड
स्टोरेज एक ऑनलाइन स्टोरेज नेटवर्क मॉडल है जिसमें डाटा एक वर्चुअल
स्टोरेज पूल में भण्डारित होता है यद्यपि भौतिक रूप से डाटा एकाधिक सर्वरों
पर हो सकता है। क्लाउड स्टोरेज का प्रयोग वेब सर्विस API, क्लाउड स्टोरेज
गेटवे या वेब आधारित यूजर इंटरफेस द्वारा किया जा सकता है।
सरल
शब्दों में कहें तो यह ऐसी वेब स्टोरेज सेवा है जिसमें डाटा सेवा प्रदाता
कम्पनी के सर्वर पर स्टोर होता है जिसे दुनिया में कहीं से भी, किसी भी
डिवाइस द्वारा असैस किया जा सकता है। लगभग सभी क्लाउड स्टोरेज सेवायें
कम्प्यूटर या दूसरे डिवाइस जैसे स्मार्टफोन में इंस्टालेशन हेतु एक क्लाइंट
सॉफ्टवेयर प्रदान करती हैं। ये कम्प्यूटर में एक लोकल फोल्डर बनाती हैं।
प्रयोक्ता अपना डाटा इस फोल्डर में रखता है। क्लाइंट प्रोग्राम इस फोल्डर
को वेब सर्वर पर भेजता है। लोकल फोल्डर में मौजूद डाटा में कोई परिवर्तन
करने जैसे नई फाइल जोड़ने, पुरानी डिलीट करने या रिप्लेस करने पर क्लाइंट
प्रोग्राम इस डाटा को सर्वर से सिंक करके अपडेट करता है। चूँकि फाइलें
सर्वर पर रहती हैं इसलिये इन्हें किसी भी डिवाइस से असैस किया जा सकता है।
क्लाउड कम्प्यूटिंग के लाभ
क्लाउड
कम्प्यूटिंग के कई लाभ हैं। प्रयोक्ता को विभिन्न कम्प्यूटिंग कार्यों के
लिये हर डिवाइस में ऍप्लिकेशनें इंस्टाल करने की आवश्यकता नहीं, वेब
ऍप्लिकेशनों को बिना इंस्टाल किये प्रयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त
प्रयोक्ता को हर बार नये डिवाइस, नये ऑपरेटिंग सिस्टम या नये सॉफ्टवेयर को
इंस्टाल करने पर सैटिंग, वरीयतायें आदि दोबारा करने की आवश्यकता नहीं होती,
सर्वर से सिंक करके ये स्वतः सैट कर ली जाती हैं। दस्तावेजों को वेब
ऍप्लिकेशनों के जरिये क्लाउड स्टोरेज पर बनाया, सम्पादित और भण्डारित किया
जा सकता है। मल्टीमीडिया फाइलों को क्लाउड स्टोरेज से बिना डाउनलोड किये
स्ट्रीमिंग के जरिये चलाया जा सकता है।
प्रयोक्ता
अपना डाटा क्लाउड पर सुरक्षित रखकर दुनियाभर में कहीं से भी, किसी भी
डिवाइस से प्रयोग कर सकता है। उसे पैनड्राइव या पोर्टेबल हार्डडिस्क आदि
साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होती। डाटा के नष्ट होने या खोने का डर नहीं
रहता। संवेदनशील डाटा को सर्वर पर ऍन्क्रिप्ट करके रखा जा सकता है। सामान्य
फाइल होस्टिंग सेवाओं में जहाँ प्रयोक्ता को डाटा मैनुअल रूप से अपलोड तथा
डाउनलोड करना होता है वहीं क्लाउड स्टोरेज सेवाओं में प्रयोक्ता को डाटा
लोकल फोल्डर में व्यवस्थित करना होता है, अपडेट का काम क्लाइंट प्रोग्राम
द्वारा बैकग्राउंड में किया जाता है जिसे फाइल सिंक्रोनाइजेशन कहते हैं।
इसके अतिरिक्त क्लाउड स्टोरेज में कम संसाधन एवं मैंटीनैंस की आवश्यकता
होती है। डाटा ऍण्टरप्राइज स्तर के सर्वरों पर होने से भरोसेमन्द एवं
सुरक्षित होता है। कुछ क्लाउड कम्प्यूटिंग सम्बन्धी सेवाओं का विवरण नीचे
दिया जा रहा है।
ड्रॉपबॉक्स
ड्रॉपबॉक्स
सबसे लोकप्रिय क्लाउड स्टोरेज सेवा है। ड्रॉपबॉक्स इंक॰ द्वारा २००८ में
शुरु की गयी यह एक फाइल होस्टिंग सेवा है जो क्लाउड स्टोरेज, फाइल
सिंक्रोनाइजेशन तथा क्लाइंट सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराती है। ड्रॉपबॉक्स
विण्डोज़, मॅक ओऍस, लिनक्स, आइओऍस, ऍण्ड्रॉइड, ब्लैकबेरी ओऍस तथा वेब
ब्राउजरों हेतु क्लाइंट सॉफ्टवेयर प्रदान करती है। प्रयोक्ता नियत
ड्रॉपबॉक्स फोल्डर में फाइलें डाल सकता है जो फिर ड्रॉपबॉक्स की इंटरनेट
सेवा तथा प्रयोक्ता के ड्रॉपबॉक्स क्लाइंट युक्त अन्य कम्प्यूटरों या
डिवाइसों से सिंक कर ली जाती है। प्रयोक्ता वेब ब्राउजर के माध्यम से
फाइलें मैनुअल रूप से भी अपलोड या डाउनलोड कर सकता है। यद्यपि ड्रॉपबॉक्स
स्टोरेज सेवा के रूप में कार्य करती है परन्तु इसका फोकस सिंक्रानाइजेशन
तथा शेयरिंग पर रहता है। इसमें वेब ब्राउजर द्वारा ३०० ऍमबी तथा डैस्कटॉप
ऍप्लिकेशन द्वारा किसी भी आकार की फाइल अपलोड की जा सकती है। यह २ जीबी की
मुफ्त स्टोरेज उपलब्ध कराती है जिसे मित्रों को ड्रॉपबॉक्स में आमन्त्रित
करके १६ जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। आप अपनी व्यक्तिगत फाइलों को प्राइवेट
तथा शेयर करने वाली फाइलों को पब्लिक फोल्डर में रख सकते हैं। पब्लिक
फाइलों के लिये हॉटलिंक भी प्राप्त किये जा सकते हैं ताकि कहीं भी आसानी से
लिंक दिया जा सके।
ड्रॉपबॉक्स के लिये कई थर्ड
पार्टी ऍडऑन बने हैं जो इसकी कार्यप्रणाली एवं सुविधायें बढ़ाते हैं। इनमें
आधिकारिक एवं अनधिकारिक ऍडऑन शामिल हैं। ये वेब सेवाओं तथा डैस्कटॉप
ऍप्लिकेशनों के रूप में हैं। ड्रॉपबॉक्स को अनेक पुरस्कार मिले हैं तथा
वर्तमान में यह सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाली क्लाउड स्टोरेज सेवा है।
ड्रॉपबॉक्स जॉइन करने के लिये इस लिंक पर जायें। यह रैफरल लिंक है, इससे साइन-अप करेंगे तो मेरे अकाउंट का स्टोरेज स्पेस बढ़ेगा।
माइक्रोसॉफ्ट स्काइड्राइव
स्काइड्राइव
माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड स्टोरेज सेवा है। यह एक फाइल होस्टिंग सेवा है जो
प्रयोक्ता को क्लाउड स्टोरेज पर फाइलें अपलोड एवं सिंक करने की सुविधा
प्रदान करती है। इन फाइलों को वेब ब्राउजर अथवा लोकल ड्राइव से असैस किया
जा सकता है। विण्डोज़, मॅक ओऍस, आइओऍस तथा विण्डोज़ फोन के लिये क्लाइंट
सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। २००८ में आरम्भ की गयी यह सेवा शुरु में फाइल
होस्टिंग सेवा के रूप में थी जिसमें बाद में क्लाउड स्टोरेज की सुविधायें
प्रदान की गयी। यह सेवा आने वाली विण्डोज़ ८ में अन्तर्निर्मित एवं एकीकृत
होगी।
यह ७ जीबी की मुफ्त स्टोरेज स्पेस प्रदान करती
है। इसमें वेब ब्राउजर द्वारा ३०० ऍमबी तथा डैस्कटॉप ऍप्लिकेशन द्वारा २
जीबी तक बड़ी फाइल अपलोड कर सकते हैं। इसमें ऑफिस वेब ऍप्स नामक ऑनलाइन ऑफिस
डॉक्यूमेंट बनाने एवं सम्पादित करने की सुविधा है। यह माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस
के डैस्कटॉप संस्करण के साथ एकीकृत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त इसमें
फाइलें सोशल नेटवर्कों पर साझा करने की सुविधा भी है।
गूगल ड्राइव
गूगल ड्राइव
इंटरनेट सर्च महारथी गूगल द्वारा हाल ही में अप्रैल २०१२ में शुरु की गयी
क्लाउड स्टोरेज सेवा है। यह गूगल के ऑनलाइन ऑफिस सुइट एवं डाटा स्टोरेज
सेवा गूगल डॉक्स का
ही विस्तार है। गूगल डॉक्स केवल ऑफिस दस्तावेजों तक सीमित था जबकि गूगल
ड्राइव में सभी प्रकार की फाइलें रखी जा सकती हैं। विण्डोज़, मॅक ओऍस,
ऍण्ड्रॉइड तथा आइओऍस हेतु क्लाइंट सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। यह सेवा क्रोम ओऍस
के नये संस्करणों में अन्तर्निर्मित एवं एकीकृत होगी।
गूगल
ड्राइव ५ जीबी की मुफ्त स्टोरेज प्रदान करती है। फाइल का आकार १ जीबी तक
हो सकता है। इसमें तमाम तरह की फाइलों के लिये इनबिल्ट व्यूअर हैं जैसे
ऑफिस डॉक्यूमेंट, मल्टीमीडिया फाइलें आदि। गूगल ड्राइव के लिये क्रोम वेब
स्टोर में कई थर्ड पार्टी ऍप्स उपलब्ध हैं जो इसकी कार्यप्रणाली को विस्तृत
करती हैं। उदाहरण के लिये गूगल क्लाउड कनैक्ट माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के लिये
एक प्लगइन है जो किसी ऑफिस दस्तावेज को गूगल डॉक्स पर सिंक कर सकता है।
मोबाइल ऍप्लिकेशनों के द्वारा दस्तावेजों को मोबाइल डिवाइसों पर भी
सम्पादित किया जा सकता है।
आइक्लाउड
आइक्लाउड
ऍपल की क्लाउड स्टोरेज एंव क्लाउड कम्प्यूटिंग सेवा है। यह जून २०११ में
आरम्भ की गयी थी। यह मुख्य रूप से ऍपल के मोबाइल डिवाइसों आइफोन तथा आइपैड
पर केन्द्रित है हालाँकि कम्प्यूटर के लिये भी उपलब्ध है। प्रयोक्ता अपने
मोबाइल डिवाइस का डाटा जैसे संगीत, फोटो, ऍप्लिकेशन, दस्तावेज, बुकमार्क,
नोट्स, रिमाइंडर, कॉटैक्ट, आइबुक्स आदि क्लाउड पर सुरक्षित रख सकते हैं।
प्रयोक्ता अपने डिवाइस का बैकअप भी ऑनलाइन रख सकते हैं तथा कभी भी रीस्टोर
कर सकते हैं। इसमें ‘फाइंड माइ आइफोन’ नामक मोबाइल ट्रैकर सुविधा भी है
जिससे प्रयोक्ता फोन खोने की दशा में उसकी लोकेशन का पता लगा सकते हैं। यह ५
जीबी की मुफ्त स्टोरेज उपलब्ध कराता है। मॅक ओऍस तथा विण्डोज़ के लिये
क्लाइंट सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जबकि आइओऍस के नये संस्करण में यह
अन्तर्निर्मित होता है।
उबुंटू वन
उबुंटू वन
लिनक्स के सर्वाधिक लोकप्रिय वितरण उबुंटू की निर्माता कम्पनी कॅनोनिकल
द्वारा संचालित व्यक्तिगत क्लाउड स्टोरेज सेवा है। यह सेवा उबुंटू के साथ
एकीकृत होती है यानि आपको अलग से डैस्कटॉप क्लाइंट इंस्टाल करने की
आवश्यकता नहीं। यह प्रयोक्ता को अपनी फाइलें क्लाउड पर स्टोर एवं सिंक करने
के अतिरिक्त मोबाइल डिवाइसों पर ऑडियो स्ट्रीम करने की सुविधा भी प्रदान
करती है। यद्यपि यह सेवा मूल रूप से उबुंटू के लिये है परन्तु विण्डोज़,
ऍण्ड्रॉइड तथा आइओऍस के लिये भी क्लाइंट सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
यह
५ जीबी की मुफ्त स्टोरेज उपलब्ध कराती है। आइओऍस तथा ऍण्ड्रॉइड के लिये
इसकी म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऍप्लिकेशन उपलब्ध हैं जिनसे ऑडियो फाइलों को बिना
डाउनलोड किये चलाया जा सकता है।
ऍवरनोट
ऍवरनोट
एक नोट टेकिंग ऍप्लिकेशन है। आप अपने कम्प्यूटर से या इंटरनेट पर सर्फ
करते हुये किसी भी प्रकार के नोट जैसे टैक्स्ट, इमेज, बुकमार्क, वेबपेज,
वॉइस मीमो आदि ऍवरनोट में भेज सकते हैं जो कि इसके सर्वर पर सेव हो जाता
है। इन नोट्स को आप किसी भी डिवाइस जैसे स्मार्टफोन आदि से प्रयोग कर सकते
हैं। नोट्स को नोटबुक के अन्तर्गत फोल्डरों में वर्गीकृत किया जा सकता है,
टैग किया जा सकता है, खोजा एवं सम्पादित किया जा सकता है।
ऍवरनोट
कई ऑपरेटिंग सिस्टमों के लिये उपलब्ध है जैसे विण्डोज़, मॅक ओऍस, क्रोम
ओऍस, ऍण्ड्रॉइड, आइओऍस, विण्डोज़ फोन तथा ब्लैकबेरी ओऍस आदि। वेब से नोट
जैसे वेबपेज का हिस्सा, यूआरऍल आदि (वेब क्लिपिंग) लेने के लिये यह ब्राउजर
ऍक्सटेंशनों के रूप में भी उपलब्ध है। यह मोबाइल के कैमरे से फोटो कैप्चर
तथा वॉइस नोट की रिकॉर्डिंग कर सकती है। २००८ में शुरु हुयी इस सेवा के
मुफ्त संस्करण में ६० ऍमबी प्रतिमाह की सीमा है। इसके अतिरिक्त १,००,०००
नोट्स तथा २५० नोटबुक की सीमा है। मुफ्त संस्करण में कुछ अन्य भी सीमायें
हैं।
क्रोम ओऍस
गूगल
का क्रोम ओऍस क्लाउड कम्प्यूटिंग का बेहतरीन उदाहरण है। यह एक लिनक्स
आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि पोर्टेबल लैपटॉपों में प्रयुक्त होता है।
गूगल ने इसका मुक्त स्रोत संस्करण क्रोमियम ओऍस
नाम से उपलब्ध कराया है। यह कम पावर खपत तथा इंटरनेट असैस पर केन्द्रित
नेटबुक्स की लोकप्रियता से प्रेरित था। गूगल ने क्रोम ओऍस युक्त इन
लैपटॉपों को क्रोमबुक
का नाम दिया है। इसके केन्द्र में एक ब्राउजर है जो मीडिया प्लेयर, फाइल
मैनेजर तथा अन्य ऍप्लिकेशनों युक्त है। यह विशेष रूप से वेब ऍप्लिकेशनों के
साथ काम करने के लिये बनाया गया है। सामान्य डैस्कटॉप ऍप्लिकेशनों के
स्थान पर इसमें वेब ऍप्लिकेशनें हैं जिनमें गूगल डॉक्स नामक ऑफिस सुइट,
पेंट प्रोग्राम, मल्टीमीडिया प्लेयर तथा गेम्स आदि तमाम प्रोग्राम शामिल
हैं। इन ऍप्लिकेशनों में बनायी गयी फाइलें भी क्लाउड पर ही सेव होती हैं।
प्रिंटिंग के लिये इसमें गूगल क्लाउड प्रिंट का सहारा लिया गया है जो कि
नेटवर्क क्लाउड से जुड़े किसी डिवाइस पर प्रिंटर का ड्राइवर इंस्टाल किये
बिना प्रिंट करने की सुविधा देती है। सैमसंग तथा ऍसर आदि कम्पनियों ने
क्रोमबुक लॉञ्च की हैं। इसके अतिरिक्त क्रोमबॉक्स नामक कम्प्यूटर भी बनाया
गया है जिसे किसी डिस्प्ले मॉनीटर से जोड़कर प्रयोग किया जा सकता है।
हालाँकि
क्रोमबुक फिलहाल भारतीय माहौल के अनुकूल नहीं क्योंकि भारत में इंटरनेट की
सुलभता और गति अभी विदेशों जैसी नहीं। कम गति के कारण क्लाउड की
ऍप्लिकेशनों तथा फाइलों को प्रयोग करना कठिन है। २००९ में आया क्रोम ओऍस
फिलहाल विशेष प्रचलित नहीं हो पाया। भविष्य में तेज गति के इंटरनेट की
सुलभता और क्लाउड कम्प्यूटिंग के दौर में इसका प्रचलन बढ़ने की आशा है।
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